हरियाणा

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से दिव्यांशु बुद्धिराजा को मिली बड़ी राहत, सुनवाई पर लगी रोक।

सत्य ख़बर, चण्डीगढ़, सतीश भारद्वाज :

लोकसभा चुनाव 2024 में हरियाणा की हाट सीटों में से एक करनाल लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे, युवा कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांश बुद्धि राजा को मंगलवार को हाईकोर्ट से राहत मिली है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेता द्वारा डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी कर रोक लगा दी है।याचिका में कहा गया है कि बुद्धिराजा पर 2018 में “राजनीतिक प्रतिशोध” के कारण सार्वजनिक संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3-ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, उन्हें 2021 में इस मामले में जमानत मिल गई थी। वहीं 03 मई को पंचकूला की एक अदालत ने बुद्धिराजा को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति कुलदीप तिवारी ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए एफआईआर में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी। दिसंबर 2023 में, बुद्धिराजा को पंचकूला में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा घोषित अपराधी घोषित किया गया था और जनवरी में उनके खिलाफ धारा 174ए आईपीसी के तहत एक नई एफआईआर दर्ज की गई थी। युवा कांग्रेस नेता ने कहा कि व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिए उनके आवेदन को 2022 में खारिज कर उनके खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।

याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि युवा नेता को मुख्य मामले में नियमित जमानत दी गई है और सार्वजनिक संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 4 के तहत अपराध को कम करने के लिए एक आवेदन दायर किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।

बता दें कि इसी प्रकार के एक राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज हुए मामले में गुड़गांव कोर्ट से भी बीते रोज जमानत मिली है।

वहीं इसी तरह के सौरभ जी निक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने तथा अपनी राजनीतिक दबाव लोगों पर बनाने के लिए गुड़गांव नगर निगम क्षेत्र में बीजेपी के एक पंच से लेकर सरपंच पार्षद, विधायक, मंत्री, संत्री ओएसडी के हजारों अवैध होर्डिंग की शिकायतें जिला प्रशासन से मुख्यमंत्री दरबार तक भी पहुंची हुई है लेकिन आज तक भी एक पर भी कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। जिससे सरकार को भी करोड़ों का चूना लग चुका है।

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